द गर्ल इन रूम 105
'लेकिन श्रीनगर ही क्यों? तुम लोग हनीमून कपल हो क्या, जो कश्मीर जा रहे हो?"
'यह सही नहीं है. सर
सौरभ और मैं इसका कोई जवाब नहीं दे सकते थे, इसलिए हम चुप ही रहे। 'रियली? तो क्या तुम दोनों धारा 377 हो?"
"नहीं, सर,' मैंने कहा, जबकि सौरभ सोचता ही रह गया कि 377 का क्या मतलब होता है।
"तो फिर श्रीनगर में क्या करने जा रहे हो? वहां पर कहां सकोगे?
"शिकारे में।'
"तुम लोग शिकारे में रहोगे? यह हनीमून नहीं तो क्या है?"
हनीमून शब्द सुनते ही सेक्सी शीला अलर्ट हो गई, हालांकि ऊपर-ऊपर से वो इनवॉइस प्रिंट करने का ही
दिखावा कर रही थी। शायद वो उस दिन का सपना देखती थी, जब चंदन अपनी बीवी को छोड़कर उसे दूर कहीं
ऐसी जगह पर ले जाएगा, जहां कोई भी किसी को जेईई की तैयारी करने के लिए नहीं पढ़ाता होगा।
शिकारे में क्यों रहेंगे?'
हम
मुझे श्रीनगर में हमारे रहने की व्यवस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मैंने सौरभ से पूछा, ' "क्योंकि वो सस्ते होते हैं। उनके रिव्यूज़ भी अच्छे हैं। वे सेफ़ होते हैं। इसलिए मैंने बुक कर लिए।" यानी हम एक नाव में एक कमरे में रहेंगे?"
नदी।" "तुमने कहा था कि शहर के बीच में कोई रहने की जगह ढूंढ़ो, तो ये एकदम शहर के बीच में ही है-झेलम
चंदन अरोरा हंस दिया।
‘शीला मैडम, जब लड़कों को लड़कियां नहीं मिलतीं, तो यही होता है।' चंदन ने आंख मारते हुए कहा।
"सर, हम लोग गे कपल नहीं हैं। "अगर हो तो भी कोई समस्या नहीं। तुम जैसे लोगों का इलाज करने के लिए योगा एक्सरसाइज़ होती हैं।'
"इलाज ?" में सोचने लगा कि भला वो कौन-सी एक्सरसाइज़ होती होगी।
"सर, हम से नहीं हैं, सौरभ ने कहा।
और अगर हो भी तो गे होना बुरा नहीं है, मैंने कहा "तुम लोगों को मुझसे अपने राज छुपाने की कोई जरूरत नहीं है।'
"वेदन सर, हम वहां दो हफ्तों की छुट्टी बिताने जा रहे हैं। वहां पर हम क्या करेंगे, उसकी आपको चिंता नहीं करनी चाहिए. मैंने कहा चंदन को यह जवाब अच्छा नहीं लगा। उसने एक फाइल खोली और उसका मुआयना करने लगा।
'तुम लोग नहीं जा सकते। पीक सीजन चल रहा है। मुझे सभी लोग नौकरी पर चाहिए, उसने हम दोनों
ओर देखे बिना कहा।
की *मैंने भी नहीं ली। चंदन रोज चंदन आता है। चंदन ने अपने लिए कहा।
"सर, हमने दो साल से छुट्टी नहीं ली है, ' सौरभ ने कहा ।
"ये तो अच्छी बात है, सर, लेकिन हम केवल दो हफ्तों के लिए जा रहे हैं और आपको इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।'
चंदन ने मेरी तरफ हैरानी से देखा। मैंने उसे अपने पास जाने का इशारा किया। वह आगे झुका 'बशर्ते आप यह नहीं चाहते हों कि हम मिसेज़ चंद्रन अरोरा से जाकर छुट्टी मांग लें, मैंने फुसफुसाते हुए
"क्या?"
कहा।
'हमें शीला मैम और आपके चक्कर के बारे में पता है। आप लोगों को तो शिकारे की भी जरूरत नहीं है, आप तो ऑफिस में ही...मैंने कहा।
'मैं... मैं... चंदन हकलाने लगा।
'तो हमारी छुट्टियां सोमवार से शुरू होती हैं। ओके, सर?' मैंने "हां...' उसने कहा 'शीला प्लीज़ इन दोनों के छुट्टियों के दिन जोड़ लेना।'
कहा।
"थैंक यू सर, सौरभ ने कहा। हम दोनों उठ खड़े
"कश्मीर के ड्रायफ्रूट्स बहुत फेमस होते हैं, तुम दोनों को जरूर ट्राय करने चाहिए,' चंदन ने हमारे जाते-
हुए।
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जाते पीछे से कहा।